ELI स्कीम क्या है? – अगले 2 साल में युवाओं के लिए 3.5 करोड़ नौकरी, कंपनियों को मिलेगा इंसेंटिव

Eli Scheme

ELI स्कीम: भारत सरकार द्वारा युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोलने और देश में संगठित कामगारों की संख्या को बढ़ाने के लिए Employment Linked Incentive (ELI) Scheme यानी रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना शुरू लॉन्च कर दी गई है। इस ईएलआई योजना को केंद्र सरकार ने 2024-25 के बजट में Prime Minister’s Package for Employment and Skilling के अंतर्गत घोषित किया था और इसे 01 जुलाई 2025 को आधिकारिक रूप से कैबिनेट बैठक में मंजूरी दे दी गई है। ELI स्कीम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को उनकी पहली नौकरी दिलाना, उद्योगों को नई भर्तियों के लिए प्रोत्साहित करना, और देश की अर्थव्यवस्था में स्थिरता और मजबूती लाना है।

ईएलआई योजना की रूपरेखा

ELI स्कीम कुल 99,446 करोड़ रुपये के बजट के साथ लागू की जा रही है। इसका मकसद अगले दो वर्षों (1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027) में देशभर में 3.5 करोड़ से ज्यादा नई नौकरियां पैदा करना है। इसमें विशेष रूप से पहली बार जॉब करने वालों और विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) सेक्टर पर फोकस किया गया है। यह योजना सरकार की “मेक इन इंडिया”, “आत्मनिर्भर भारत” और “युवा सशक्तिकरण” जैसी प्रमुख पहलों का हिस्सा है।

कौन-कौन होंगे ELI स्कीम के लाभार्थी?

इस स्कीम का फायदा दो प्रमुख वर्गों को मिलेगा

  1. युवाओं को जो पहली बार रोजगार बाजार में कदम रखेंगे, यानी जो पहले कभी EPFO (Employees’ Provident Fund Organization) के तहत काम नहीं कर चुके।
  2. नियोक्ताओं (Employers) को जो अपने संगठन में नई भर्तियाँ करेंगे, विशेषकर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में।

ELI स्कीम का ढांचा – दो हिस्सों में लाभ

भाग-A: पहली बार नौकरी करने वालों के लिए (First Timers)

इस स्कीम के तहत पहली बार EPFO में रजिस्टर्ड होकर काम करने वाले कर्मचारियों को एक महीने की सैलरी (अधिकतम ₹15,000) सरकार द्वारा दी जाएगी। यह राशि दो किस्तों में मिलेगी, पहली किस्त 6 महीने की सेवा पूरी करने के बाद और दूसरी किस्त 12 महीने की सेवा तथा फाइनेंशियल लिटरेसी प्रोग्राम पूरा करने के बाद।

इसका सीधा फायदा उन युवाओं को मिलेगा, जो पहली बार औपचारिक नौकरी कर रहे हैं। इससे उन्हें आर्थिक मदद के साथ-साथ बचत की आदत भी डाली जाएगी, क्योंकि इंसेंटिव का कुछ हिस्सा सेविंग अकाउंट/फिक्स्ड डिपॉजिट में रखा जाएगा, जो आगे चलकर युवा को और सहायता देगा।

इस भाग से लगभग 1.92 करोड़ नए युवा कर्मचारियों को सीधे लाभ मिलेगा। इससे युवाओं को पहला ब्रेक मिलने में सहूलियत होगी और उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

भाग-B: नियोक्ताओं के लिए प्रोत्साहन (Employers Incentives)

ELI स्कीम के दूसरे हिस्से में नियोक्ताओं (Employers) को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, ताकि वे अपने प्रतिष्ठान में नई भर्तियाँ करें। यहाँ फोकस विशेष रूप से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर है, जिससे भारत में उत्पादन और उद्योगिकरण को गति मिल सके।

ईएलआई योजना के इस भाग के तहत, EPFO में रजिस्टर्ड प्रतिष्ठानों को हर नए कर्मचारी की भर्ती पर सरकार 2 वर्षों तक प्रति माह ₹3,000 तक का इंसेंटिव देगी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए यह प्रोत्साहन तीसरे और चौथे वर्ष तक भी जारी रहेगा, ताकि उद्योगों को दीर्घकालिक मजबूती मिले।

यदि किसी प्रतिष्ठान में 50 से कम कर्मचारी हैं, तो उसे कम-से-कम दो नई नियुक्तियाँ और 50 या उससे अधिक कर्मचारी हैं, तो कम-से-कम पाँच नई नियुक्तियाँ करना अनिवार्य है। ये भर्तियाँ कम-से-कम छह महीने तक स्थायी रूप से कार्यरत होनी चाहिए। इंसेंटिव स्लैब निम्नानुसार है:

  • 10,000 रुपये तक वेतन वाले कर्मचारी: ₹1,000/माह
  • 10,001 से 20,000 रुपये वेतन: ₹2,000/माह
  • 20,001 से 1 लाख रुपये वेतन: ₹3,000/माह

इससे करीब 2.60 करोड़ अतिरिक्त रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

ELI Scheme Announcement
ELI Scheme Announcement

भुगतान प्रक्रिया और पारदर्शिता

योजना की सबसे बड़ी खासियत इसका डिजिटल और पारदर्शी भुगतान सिस्टम है।

  • कर्मचारियों को DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे आधार ब्रिज पेमेंट सिस्टम के ज़रिए उनके बैंक खाते में राशि ट्रांसफर की जाएगी।
  • वहीं नियोक्ताओं को भी इंसेंटिव राशि सीधे उनके पैन-लिंक्ड बैंक अकाउंट में दी जाएगी।

इससे सभी लेन-देन रिकॉर्डेड, पारदर्शी और बिना किसी बिचौलिये के होंगे, जिससे भ्रष्टाचार की गुंजाइश लगभग समाप्त हो जाएगी।

क्यों है ELI स्कीम इतनी महत्वपूर्ण?

युवाओं के लिए पहला बड़ा मौका

भारत में कई योग्य युवा औपचारिक क्षेत्र में पहली नौकरी की तलाश में रहते हैं। ELI स्कीम से उन्हें न सिर्फ पहली नौकरी मिलेगी, बल्कि पहली सैलरी पर सरकार का इंसेंटिव भी मिलेगा, जिससे उनका आत्मविश्वास और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

इंडस्ट्री में नई ऊर्जा

कंपनियों को हर नई भर्ती पर सीधा इंसेंटिव मिलेगा, जिससे वे ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देंगे, खासकर उत्पादन क्षेत्र में।

सोशल सिक्योरिटी और औपचारिकीकरण

EPFO के तहत नौकरी करने वाले कर्मचारियों को भविष्य में पेंशन, बीमा और अन्य सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित होगा।

देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट

बड़ी संख्या में नई भर्तियों से अर्थव्यवस्था में पैसा आएगा, उद्योगों की ग्रोथ बढ़ेगी और देश में समावेशी विकास संभव होगा।

डिजिटल इंडिया का उदाहरण

पूरा भुगतान सिस्टम डिजिटल, पारदर्शी और रियल टाइम है, जिससे सरकारी योजनाओं पर लोगों का विश्वास और बढ़ेगा।

ELI स्कीम से जुड़े लाभार्थियों की Eligibility (पात्रता)

कर्मचारियों के लिए पात्रता (Eligibility for Employees)

  1. EPFO के तहत पहली बार नौकरी करने वाले:
    • इस योजना का लाभ केवल उन युवाओं को मिलेगा, जो पहली बार औपचारिक (formal) सेक्टर में नौकरी शुरू कर रहे हैं और EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) में पहले कभी पंजीकृत नहीं रहे हैं।
    • यानी, यदि आपने पहले कभी EPFO के तहत नौकरी नहीं की, और अब पहली बार EPFO के तहत पंजीकृत हो रहे हैं, तो आप इस योजना के लिए पात्र हैं।
  2. अधिकतम मासिक वेतन 1 लाख रुपये तक:
    • यह स्कीम उन कर्मचारियों के लिए लागू होगी, जिनकी मासिक सैलरी 1 लाख रुपये या उससे कम है।
    • अगर आपकी सैलरी इससे अधिक है, तो आप इस योजना के दायरे में नहीं आएंगे।
  3. 6 व 12 महीने सेवा पूरी करने के बाद इंसेंटिव:
    • जब आप EPFO रजिस्टर्ड कंपनी में नौकरी शुरू करेंगे और लगातार 6 महीने तक सेवा देंगे, तो आपको एक किस्त में इंसेंटिव मिलेगा।
    • इसके बाद, यदि आप कुल 12 महीने नौकरी करते हैं और साथ में एक वित्तीय साक्षरता (financial literacy) कार्यक्रम पूरा करते हैं, तो दूसरी किस्त में इंसेंटिव मिलेगा।
    • इंसेंटिव का कुछ हिस्सा सेविंग खाते या फिक्स्ड डिपॉजिट में रखा जाएगा, जिसे आप भविष्य में निकाल सकते हैं।

नियोक्ता (कंपनियों) के लिए पात्रता (Eligibility for Employers/Companies)

  1. EPFO में पंजीकृत प्रतिष्ठान:
    • इस योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं कंपनियों/प्रतिष्ठानों को मिलेगा, जो EPFO के तहत पंजीकृत हैं।
    • अगर आपकी कंपनी EPFO के अंतर्गत रजिस्टर्ड नहीं है, तो आप इस स्कीम का लाभ नहीं ले सकते।
  2. 50 से कम कर्मचारी: 2 नई भर्तियाँ अनिवार्य:
    • अगर किसी प्रतिष्ठान/कंपनी में पहले से 50 से कम कर्मचारी हैं, तो उन्हें इस योजना का लाभ पाने के लिए कम-से-कम 2 नई भर्तियाँ करनी होंगी।
    • इन नई भर्तियों को कम से कम 6 महीने तक कंपनी में स्थायी रूप से काम करना अनिवार्य है।
  3. 50 या अधिक कर्मचारी: 5 नई भर्तियाँ अनिवार्य:
    • अगर किसी कंपनी में पहले से 50 या उससे अधिक कर्मचारी हैं, तो उसे कम-से-कम 5 नई भर्तियाँ करनी होंगी।
    • इन कर्मचारियों को भी कम से कम 6 महीने तक कंपनी में कार्यरत रहना आवश्यक है।
  4. हर नई भर्त्ती कम-से-कम 6 महीने के लिए:
    • योजना के तहत दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि (insentive) के लिए जरूरी है कि प्रत्येक नई नियुक्त कर्मचारी लगातार 6 महीने तक उसी प्रतिष्ठान में कार्यरत रहे।
    • यदि कोई नया कर्मचारी 6 महीने से पहले नौकरी छोड़ देता है, तो कंपनी को उस कर्मचारी के लिए इंसेंटिव नहीं मिलेगा।

ELI स्कीम भारत सरकार का एक दूरदर्शी प्रयास है, जो ना केवल युवाओं को पहली नौकरी दिलाने में सहायक है, बल्कि देश में उद्योगों को और मजबूती देता है। यदि आप युवा हैं तो इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए EPFO रजिस्टर्ड कंपनी में नौकरी शुरू करें। यदि आप नियोक्ता हैं तो अधिकाधिक भर्तियाँ करें और इंसेंटिव पाएं। इस योजना से न सिर्फ रोजगार, बल्कि सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक मजबूती की नींव रखी जाएगी।

FAQs

क्या ELI स्कीम का फायदा असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को मिलेगा?

ELI स्कीम का सीधा लाभ उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा, जो EPFO के तहत पहली बार जॉब शुरू कर रहे हैं, यानी औपचारिक (Formal) क्षेत्र में।

नियोक्ताओं को इंसेंटिव कब मिलेगा?

जब वे पात्रता अनुसार नई नियुक्तियाँ करेंगे और वे कर्मचारी कम-से-कम 6 महीने लगातार नौकरी पर रहेंगे।

प्रोत्साहन राशि किसे, कब और कैसे मिलेगी?

कर्मचारियों को पहली और दूसरी किस्त 6 और 12 महीने की सेवा के बाद, DBT के ज़रिए, जबकि नियोक्ताओं को इंसेंटिव पैन लिंक्ड अकाउंट में ट्रांसफर होगी।

क्या यह योजना सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए है?

नहीं, यह सभी सेक्टर के लिए है, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को ज्यादा अवधि तक इंसेंटिव मिलेगा।

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